गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

कॉम्प्यूटर का विकास तथा पीढ़ी ?


कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है चीन में एक गणना यंत्र अबेकस का निर्माण हुआ अबेकस तारों का एक फ्रेम होता है,इन तारो में Beed पिरोए रहते है।इन फ्रेम के के दो भाग है,छोटे भाग को heaven (स्वर्ण)तथाबड़े भाग को earth(पृथ्वी)
कहा जाता है। abacus को व्यापारी लोग अंकों को जोड़ना घटाना गुणा तथा भाग जैसी क्रियाएं करने के लिए लाते थे। शताब्दियों बाद अनेक अनियंत्रित मशीनों अंकों की गणना के लिए विकसित की गई 17 वीं शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र सन 1645 में विकसित किया। इस मशीन को एडिंग मशीन कहते थे क्योंकि यह केवल जोड़ या - कर सकती थी यह मशीन आडोमिटर के सिद्धांत पर कार्य करती थी उसके कई दांत आयुक्त चकरिया थी जो घूमती रहती थी क्षत्रियों के दांतो पर जीरो से 9 तक के अंक छपे रहते थे प्रत्येक चकरी एक स्थानीय मान जैसे इकाई दहाई सैकड़ा आदि था। इनमें प्रत्येक जगदीश स्वयं से बिजली चेक करी की एक चक्कर लगाने पर एक अंक पर घूमती थी ब्लेज पास्कल कि इस एडिंग मशीन को पास्कलाइन कहते हैं जो सबसे पहला यांत्रिकी गणना यंत्र था आज भी कार्रवाई स्कूटर के स्पीडोमीटर में यही यंत्र कार्य करता है।
चार्ल्स बैबेज ने सन 1822 में एक मशीन का निर्माण किया। जिस काव्य ब्रिटिश सरकार ने वाहन किया उस मशीन का नाम डिफरेंस इंजन रखा गया इस मशीन में गियर और सॉफ्ट लगे थे और यह भाव से चलती थी।





                       एबेकस कॉम्प्यूटर


इंजन का विकसित रूप एक शक्तिशाली मशीन एनालिटिकल इंजन तैयार किया यह मशीन कई प्रकार के गणना कार्य करने में सक्षम (able)थी। इनमें निर्देशों को संग्रहित करने की क्षमता थी और इसके द्वारा आउटपुट प्रोड्यूस किए जाने के परिणाम भी छापे जाते थे।
 हरमन हिलेरीथ सन 18 90 में कंप्यूटर की इतिहास में अमेरिका की जनगणना का कार्य एक महत्वपूर्ण घटना थी। सन 1924 में उस कंपनी का नाम पुनः परिवर्तित हो कर होकर इंटरनेशनल बिजनेस मशीन(Internet business machine)IBM हो गया ,जो आज आज कंप्यूटर निर्माण में विश्व में अग्रणी कंपनी में सेे एक है। और कंप्यूटर विद्युत यांत्रिकी के युग में आ गए क्योंकि हिलेरी थी कि मशीन यांत्रिक दिया और विद्युत 
सेेे संचालित थी।  






  •  कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generation of computer)

सन 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वॉल्यूम ट्यूब युक्त एनिएक कंप्यूटर की शुरुआत में कंप्यूटर के विकास को आधार प्रदान किया कंप्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कंप्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की इस विकल्प के क्रम को हम कंप्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बाटते हैं:-

प्रथम पीढ़ी  (First Generation)  1946-1956

द्वितीय पीढ़ी(SecondGeneration)1956-1964

तृतीय पीढ़ी  (Third Generation)1964-1971

चतुर्थ पीढ़ी  (Fourth General) 1971-1980

पंचम पीढ़ी  (Fifth General). 1980 अब तक




  • कॉम्प्यूटर की  प्रथम पीढ़ी -

सन 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक नामक कंप्यूटर के निर्माण से कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी का प्रारंभ हो गया। इस पीढ़ी में कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिस का आविष्कार सन 1996 किया गया।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के निम्नलिखित लक्षण है-

  1. वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग
  2.  पंच कार्ड पर आधारित
  3.  स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग
  4. बहुत ही नाजुक और कम विश्वास नहीं है
  5. बहुत सारे एयर कंडीशन का प्रयोग




  • कंप्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी

कंप्यूटरों की दूसरी पीढ़ी की शुरुआत कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग करने से हुई विलियम शक्लरे लेने ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में किया था। जिसका उपयोग दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में बैक यूट्यूब के स्थान पर किया जाने लगा ट्रांजिस्टर के उपयोग ने कंप्यूटर के वेक्यूम ट्यूब ओं की अपेक्षा अधिक गति से विश्वसनीयता प्रदान की।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की निम्नलिखित लक्षण

  1. वैक्यूम टीवी के स्थान पर रजिस्टर का उपयोग
  2. अपेक्षाकृत छोटे एवं उर्जा की कम खपत
  3. अधिक तेज में विश्वास  होते हैं।
  4. प्रथम पीढ़ी के अपेक्षा कम खर्चीली होते हैं


  • कंप्यूटर के तृतीय पीढ़ी

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई इस पीढ़ी ने कंप्यूटर को आईसी प्रदान की आईसी अर्थात integrated circuit का अविष्कार डेक्साम कंपनी ने एक अभियंता जैम किल्वी के किया था।

कॉम्प्यूटर के तृतीय पीढ़ी के लक्षण-

  1. Integrated circuit ka प्रयोग
  2. प्रथम या द्वितीय पीढ़ी की अपेक्षा आकर एवं वजन बहुत कम
  3. अधिक विश्वनिय है।
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                                Writer🔀⇘pavan gupta