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शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

कॉम्प्यूटर के प्रकार(Types of computer)

  • कॉम्प्यूटर के प्रकर(Types of computer)-
कॉम्प्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग होने वाला यंत्र है इसलिए ऐसी संभावना है कि क्षेत्र विशेष के हिसाब से
इसके कंप्यूटर भी अलग अलग हो कंप्यूटर को अपने व्यक्तिगत कार्यों में प्रयोग करते हैं वैज्ञानिक जिसे चिकित्सकीय जांच में प्रयोग होने वाले कंप्यूटर से अलग होते हैं। कुछ कंप्यूटर सामान्य उद्देश्य होते हैं तो कुछ कंप्यूटर विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाया जाते कंप्यूटर को उनके काम करने के तरीके के आधार पर एनालॉग डिजिटल तथा हाइब्रिड में वर्गीकृत किया जाता है इसी प्रकार कंप्यूटर को उसके आकार के आधार पर माइक्रो वर्क स्टेशन मीनिंग मेन प्रेस तथा सुपर कंप्यूटर में वर्गीकृत किया जाता है।

गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

कॉम्प्यूटर का विकास तथा पीढ़ी ?


कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है चीन में एक गणना यंत्र अबेकस का निर्माण हुआ अबेकस तारों का एक फ्रेम होता है,इन तारो में Beed पिरोए रहते है।इन फ्रेम के के दो भाग है,छोटे भाग को heaven (स्वर्ण)तथाबड़े भाग को earth(पृथ्वी)
कहा जाता है। abacus को व्यापारी लोग अंकों को जोड़ना घटाना गुणा तथा भाग जैसी क्रियाएं करने के लिए लाते थे। शताब्दियों बाद अनेक अनियंत्रित मशीनों अंकों की गणना के लिए विकसित की गई 17 वीं शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र सन 1645 में विकसित किया। इस मशीन को एडिंग मशीन कहते थे क्योंकि यह केवल जोड़ या - कर सकती थी यह मशीन आडोमिटर के सिद्धांत पर कार्य करती थी उसके कई दांत आयुक्त चकरिया थी जो घूमती रहती थी क्षत्रियों के दांतो पर जीरो से 9 तक के अंक छपे रहते थे प्रत्येक चकरी एक स्थानीय मान जैसे इकाई दहाई सैकड़ा आदि था। इनमें प्रत्येक जगदीश स्वयं से बिजली चेक करी की एक चक्कर लगाने पर एक अंक पर घूमती थी ब्लेज पास्कल कि इस एडिंग मशीन को पास्कलाइन कहते हैं जो सबसे पहला यांत्रिकी गणना यंत्र था आज भी कार्रवाई स्कूटर के स्पीडोमीटर में यही यंत्र कार्य करता है।
चार्ल्स बैबेज ने सन 1822 में एक मशीन का निर्माण किया। जिस काव्य ब्रिटिश सरकार ने वाहन किया उस मशीन का नाम डिफरेंस इंजन रखा गया इस मशीन में गियर और सॉफ्ट लगे थे और यह भाव से चलती थी।





                       एबेकस कॉम्प्यूटर


इंजन का विकसित रूप एक शक्तिशाली मशीन एनालिटिकल इंजन तैयार किया यह मशीन कई प्रकार के गणना कार्य करने में सक्षम (able)थी। इनमें निर्देशों को संग्रहित करने की क्षमता थी और इसके द्वारा आउटपुट प्रोड्यूस किए जाने के परिणाम भी छापे जाते थे।
 हरमन हिलेरीथ सन 18 90 में कंप्यूटर की इतिहास में अमेरिका की जनगणना का कार्य एक महत्वपूर्ण घटना थी। सन 1924 में उस कंपनी का नाम पुनः परिवर्तित हो कर होकर इंटरनेशनल बिजनेस मशीन(Internet business machine)IBM हो गया ,जो आज आज कंप्यूटर निर्माण में विश्व में अग्रणी कंपनी में सेे एक है। और कंप्यूटर विद्युत यांत्रिकी के युग में आ गए क्योंकि हिलेरी थी कि मशीन यांत्रिक दिया और विद्युत 
सेेे संचालित थी।  






  •  कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generation of computer)

सन 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वॉल्यूम ट्यूब युक्त एनिएक कंप्यूटर की शुरुआत में कंप्यूटर के विकास को आधार प्रदान किया कंप्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कंप्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की इस विकल्प के क्रम को हम कंप्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पाँच पीढ़ियों में बाटते हैं:-

प्रथम पीढ़ी  (First Generation)  1946-1956

द्वितीय पीढ़ी(SecondGeneration)1956-1964

तृतीय पीढ़ी  (Third Generation)1964-1971

चतुर्थ पीढ़ी  (Fourth General) 1971-1980

पंचम पीढ़ी  (Fifth General). 1980 अब तक




  • कॉम्प्यूटर की  प्रथम पीढ़ी -

सन 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक नामक कंप्यूटर के निर्माण से कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी का प्रारंभ हो गया। इस पीढ़ी में कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिस का आविष्कार सन 1996 किया गया।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के निम्नलिखित लक्षण है-

  1. वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग
  2.  पंच कार्ड पर आधारित
  3.  स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग
  4. बहुत ही नाजुक और कम विश्वास नहीं है
  5. बहुत सारे एयर कंडीशन का प्रयोग




  • कंप्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी

कंप्यूटरों की दूसरी पीढ़ी की शुरुआत कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग करने से हुई विलियम शक्लरे लेने ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में किया था। जिसका उपयोग दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में बैक यूट्यूब के स्थान पर किया जाने लगा ट्रांजिस्टर के उपयोग ने कंप्यूटर के वेक्यूम ट्यूब ओं की अपेक्षा अधिक गति से विश्वसनीयता प्रदान की।

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की निम्नलिखित लक्षण

  1. वैक्यूम टीवी के स्थान पर रजिस्टर का उपयोग
  2. अपेक्षाकृत छोटे एवं उर्जा की कम खपत
  3. अधिक तेज में विश्वास  होते हैं।
  4. प्रथम पीढ़ी के अपेक्षा कम खर्चीली होते हैं


  • कंप्यूटर के तृतीय पीढ़ी

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई इस पीढ़ी ने कंप्यूटर को आईसी प्रदान की आईसी अर्थात integrated circuit का अविष्कार डेक्साम कंपनी ने एक अभियंता जैम किल्वी के किया था।

कॉम्प्यूटर के तृतीय पीढ़ी के लक्षण-

  1. Integrated circuit ka प्रयोग
  2. प्रथम या द्वितीय पीढ़ी की अपेक्षा आकर एवं वजन बहुत कम
  3. अधिक विश्वनिय है।
youtube.Hindigyan
                                Writer🔀⇘pavan gupta

बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

कंप्युटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की हिंदी में जानकारीकंप्युटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की हिंदी में जानकारीकंप्युटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की हिंदी में जानकारी

  • कॉम्प्यूटर का परिचय-

(Introduction of computer)
 आज कंप्यूटर का काम अब सिर्फ गणना करने तक ही सीमित नहीं है इसका उपयोग आज हर क्षेत्र में हो रहा है आज हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहां हर कोई डिजिटल तरीके से काम करना चाहता है चाहे वह पैसे का लेनदेन हो या शिक्षा ग्रहण करना हो या टिकट बुक कराना हो इत्यादि। ईसी डिजिटल युग का जन्मदाता  कंप्यूटर ही है अगर हम आज कंप्यूटर  शिक्षित ना हो तो हम कोई भी काम आसानी से नहीं कर सकते कंप्यूटर आज हर किसी की जरूरत का हिस्सा बन गया है कंप्यूटर का उपयोग करके लोग अपना समय और पैसा दोनों बचा रहे हैं आज आपको स्मार्टफोन टेबलेट का उपयोग करते हैं । हुआ है एक तरफ का मिनी कंप्यूटर है जो आपको सभी से एक एक नेटवर्क से जोड़ें रहता है दुनिया भर की न्यूज़ आज आप एक ही क्लिक में जान सकते हैं यह सब कंप्यूटर के द्वारा ही संभव हो पाया है आज आप संचार के माध्यम से किसी को भी इलेक्ट्रॉनिक मेल चंद सेकेंड में भेज सकते हैं पहले पोस्टर के माध्यम से यह ईमेल भेजने में काफी समय लगता था आजकल ऐसी कोई जगह नहीं है जहां कंप्यूटर का उपयोग ना हो एक उदाहरण से समझते हैं आप एक पिज़्ज़ा खाने जाते हो वहां कस्टमर काउंटर पर एक पिज्जा का आर्डर देता है अगर वहां आपके सर्विस भाई आपका नाम और मोबाइल नंबर पूछता है आप उसे अपना मोबाइल नंबर और पता बताते हैं वह आपका नाम और  नंबर एक कंप्यूटर में फीड करता है और आपको आपके ऑर्डर की रसीद देता है जिसमें आपका ऑर्डर नंबर लिखा होता है आप अपना आर्डर उसी नंबर से लेते हैं कंप्यूटर एक सिस्टमैटिक ऑर्डर देता है और आपका रिकॉर्ड कंप्यूटर में फीड हो जाता है आप अगली बार जब भी पिक्चर लेने जाएंगे बस आपको एक मोबाइल नंबर बताना है आपके सारे डिटेल्स कंप्यूटर सर्विस भाई को दे देगा इस तरह शिक्षा कंपनी ग्राहकों का रिकॉर्ड मेंटेन करती है और अपने ग्राहकों को सुविधा के अनुसार प्रलोभन वाले संदेश उनके रजिस्टर्ड मोबाइल पर भेजती है ।।






  • कंप्यूटर क्या है ? (What is computer ?)


कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो सूचनाओं को एकत्र कर उन्हें आवश्यकता पड़ने पर सही ढंग से प्रस्तुत करता है कंप्यूटर जटिल से जटिल घटनाओं को बहुत तेजी से तथा बिना किसी त्रुटि के संपन्न कर देता है कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के शब्द कंप्यूट(compute) से हुई है इस शब्द का अर्थ गिनती अथवा गणना करना है।

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जिसके माध्यम से रा डाटा को इनपुट करके उसको एक उपयोगी सूचना में परिवर्तित करते हैं जिसका उपयोग किसी निर्णय में लिया जाता है। कंप्यूटर का उपयोग सूचना को संग्रहित करने और जरूरत पड़ने पर ट्रांसफर करने में होता है।

 उदाहरण :  डेक्सटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप कंप्यूटर और टेबलेट कंप्यूटर।।

  •  कंप्यूटर की क्षमताएं (Strengths of computer)
 कंप्यूटर का उपयोग व्यापक है यह है आज विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न लोगों की सहायता कर रहा है इनकी क्षमताएं निम्नलिखित है-

गति (speed) -

कंप्यूटर किसी भी कार्य को बहुत तेजी से कर सकता है।
कंप्यूटर कुछ ही क्षण में गुणा भाग जोड़ घटाव की करोड़ों क्रियाएं कर सकता है यदि आपको 440 × 65 थोड़ा करना है तो इनको आपको 1 से 2 मिनट का समय लग सकता है यही कार्य पॉकेट कैलकुलेटर से करें तो 5 सेकंड में किया जा सकता है। लेकिन एक आधुनिक कंप्यूटर में ऐसे 30 लाख ऑपरेशंस एक ही साथ कुछ सेकंड में संपन्न हो सकते है।कॉम्प्यूटर की स्पीड को MHz से मापते हैं।

स्वचालन (Automation) -
 कंप्यूटर   अपना कार्य प्रोग्राम,(निर्देशों के समूह )के एक बार लोड हो जाने पर स्वत: कार्य करता रहता है। उदाहरणार्थ,
किसी डाटा एंट्री प्रोग्राम पर कार्य कर रहे ऑपरेटर को स्वत:
रिपोर्ट तैयार करने की आवश्यकता नहीं,अपितु कंप्यूटर प्रविष्ट डांटा के आधार पर स्वयं ही रिपोर्ट देता है।

 शुद्धता(Accuracy) -
 कंप्यूटर अपना  कार्य बिना किसी गलती के करता है। कंप्यूटर द्वारा गलती किए जाने के कई उदाहरण सामने आते हैं,लेकिन इन सभी गलतियों में या तो गलती कंप्यूटर में डाटा इंटर करते समय की गई होती है या यह कभी प्रोग्राम के डेवलपमेंट के समय की होती है कंप्यूटर स्वयं कभी गलती नहीं करता अर्थात आप कंप्यूटर में जो भी डाटा इंदर करते हैं उसी  के अनुसार आउटपुट मिलता है इस अवधारणा को GIGO भी कहते हैं। GOIG का पूर्ण रूप है - गरवेग इन गरवेग आउट।  कंप्यूटर इसी सिद्धांत पर आधारित है।

 विश्वसनीयता(Reliability) -
जैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है कि कंप्यूटर में ठीक-ठीक स्टोरेज,स्वचालन,टाटा की यथास्थिति में पुनः प्राप्ति कर्मठता तथा उच्च गति  जैसी क्षमताएं विद्यमान है।यही क्षमताएं कंप्यूटर को आज विश्वसनीय बनाते है।  सभी व्यवसाय  के लोग इन पर पूरी तरह से निर्भर है।



                                                         Writer by pk