Contact us

नाम

ईमेल *

संदेश *

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

Virus क्या है, कितने प्रकार के होते है एवं लक्षण

                         

                   Computer Virus :


Virus क्या है ?


कंप्यूटर वायरस साधारण तौर पर सिर्फ ऐसे Program होते हैं ।जो कि खराब या नुकसानदायक इरादे से लिखे जाते हैं ।वायरस हमारे कंप्यूटर में बिना परमिशन के घुस जाते हैं ।कंप्यूटर के अंदर की जानकारी को चुरा लेते हैं ,और वायरस बनाने वाले तक पहुंचा देते हैं।

 यह हमारी कंप्यूटर की फाइल को खराब कर देते हैं और कंप्यूटर की इनफार्मेशन को इधर से उधर रख कर हमारे कंप्यूटर के file  को खराब कर देते हैं, हमारी कंप्यूटर की इंफॉर्मेशन को दूसरे प्रोग्राम में बदल देते हैं।

आइए हम वायरस को इस प्रकार समझते हैं-

 जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में कोई virus हमला करता है, तो मनुष्य का शरीर बीमार हो जाता है ठीक इसी प्रकार जब कंप्यूटर में कोई वायरस आ जाता है तो कंप्यूटर की जानकारी को इधर-उधर कर देता है डिलीट कर देता है और और कंप्यूटर की इनफार्मेशन को चुराकर कंप्यूटर बनाने वाले तक पहुंचा देता है और कंप्यूटर की फाइल को चलने नहीं देता जिससे कंप्यूटर हैंग करने लगता है ,वायरस एक प्रोग्राम है ।

कुछ cases पर  वायरस खुद ही प्रोग्राम के कोड से जुड़ जाता है और कुछ cases में प्रोग्राम का original  कोड को हटाकर अपना खुद का कोड जोड़ देता है। सबसे महत्वपूर्ण feture  वायरस का यह है कि यह बिना किसी यूज़र की रिक्वेस्ट के अपने आप ही लोड हो जाते हैं ।और अपना काम भी शुरू कर देते हैं जैसे ही होस्ट प्रोग्राम रन होता है यह बजी रन हो जाता है जिस प्रकार की नार्मल प्रोग्राम रन होते वक्त कुछ इंस्ट्रक्शन यह वार्निंग देते हैं ।यह प्रोग्राम इस तरह  designed  होते हैं,कि यह अपना काम पूर्णता गुप्त प्रकार से करते हैं।

साधारण वायरस प्रमुख दो स्टेज द्वारा काम करते हैं -पहले स्टेज को डिटेक्ट सेशन कहते हैं यही स्टेज सभी वायरस में नहीं पाई जाती दूसरी स्टेज में वायरस खुद-ब-खुद Active  हो जाता है।
 जैसे ही कुछ ऐसी कंडीशन उसे मिलती है जो कि प्रोग्राम में पहले से ही डिफाइन की गई हो ऐसे प्रोडेप फाइनल प्रोग्राम कुछ भी चीज के लिए हो सकते हैं जैसे कि दिनांक या समय कंप्यूटर को 5 जनवरी को लॉक कर देता है ऐसी स्थिति आ जाती है यह वायरस खुद ब खुद ही एक्टिव हो जाता है ,और अपना काम शुरू कर देते है कुछ वायरस हल्के व कम शांत हो जाते हैं ।नुकसान पहुंचाते हैं जैकी कुछ  वायरस सब कुछ तहस-नहस कर देते हैं या बहुत ही ज्यादा खतरनाक होते हैं।
पर्सनल कम्प्यूटर क्या है, इनका परिचय

Types of virus :


वायरस को निम्न श्रेणी में बांटा गया है -
1.Partition Table /Boot sector virus
2. File viruses.


  • Partition table/Boot sector virus:-


कुछ कंपयूटर उपयोगकर्ता boot sector और पार्टीशन टेबल वायरस को अलग-अलग परिभाषित करना महत्वपूर्ण समझते हैं। जबकि यह दोनों ही floppy  के बूट sector  को नुकसान पहुंचाते हैं। जैसे ही कंप्यूटर बूट होता है तो पूरा नियंत्रण डिस्को को फिजिकल सेक्टर पर आ जाता है और यह वायरस बूट रिसेप्टर एरिया में घुसकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। जैसे ही नियंत्रण फिजिकल सेक्टर पर जाता है उनमें एक छोटा सा कोड होता है, जोकि पार्टीशन टेबल में लोड होता है यह पूरा नियंत्रण boot रिसेप्टर को दे देता है। सभी हार्ड डिस्क में पार्टीशन टेबल होती है वायरस हार्ड डिस्क के boot sector area में घुसकर उसे खराब कर देते हैं। साथ ही हार्ड डिस्क का डाटा भी corrup हो जाता है। बूट sector पहले लॉजिकल सेक्टर होता है जिसे Dos में फार्मेट किया जाता है ।

बूट सेक्टर में एग्जीक्यूटेबल कोड व डाटा होता है। यह उपयोगी व महत्वपूर्ण होता है। डेटा area डिस्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी रखता है यह डिस्क में बूट सेक्टर वायरस मौजूद है तो बूट सेक्टर की जानकारी बदल जाती है जिससे है पता पड़ता है कि वायरस किस क्षेत्र में है।


  •  File virus: (फ़ाइल वायरस)-


यह वारस बूट सेक्टर पार्टीशन टेबल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं,बल्कि यह एग्जीक्यूटेबल फाइल को नुकसान पहुंचाते हैं (जिसका extension name.exe या . Com होता है) वायरस डाटा फाइल को नुकसान नहीं पहुंचाते जैसा कि यह command.com नामक फाइल में वायरस मौजूद है, यदि यूजर इस फाइल को काम में लेता है या Dir commond  का उपयोग करता है तो वह virus.com नामक सभी फाइल को खराब कर देता है.। जो कि उस डिस्क में होगी ।कुछ वायरस समय के अनुसार रूपा वाजो कि उस डिस्क में होगी कुछ वायरस समय के अनुरूप हमला करते हैं, जबकि कुछ दिनांक को माध्यम बनाकर हमला करते हैं।



वायरस के लक्षण :
 




  1. सिस्टम का बार-बार Hang होना ।
  2. Ram  मेमोरी का कम होना या बड़े प्रोग्राम के एग्जीक्यूशन में दिक्कत देना।
  3. Currupted फाइट की साइज बड़ा देना।
  4. Fat को खराब करना या उस में होने वाली जानकारी में बदलाव हो जाना ।
  5. System की speed बदल जाना।
  6. अजीब message screen पर आना।

सॉफ्टवेयर क्या है, सॉफ्टवेयर के प्रकार (what is software, type of software)


सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है , इनका परिचय





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you